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20 September 2021
कोमल एहसास
शुभारंभ पब्लिकेशन हाउस
‘प्रार्थना’ से शुरुआत कर के इस काव्य संकलन में आप कई एहसासों का समागम पाएँगे| माँ-पापा को समर्पित, रिश्ते, व्यंग्य, रोमांस, आंशिक हास्य से परिपूर्ण, कभी उदासी तो कभी आशावाद से निहित हैं मेरी कविताएँ| कह सकते हैं कि आंशिकरूप से यह मेरे जीवन पर आधारित हैं और ज़्यादातर मानव व्यवहार, प्रकृति और जीवन के बारे में मेरे एहसासों का शाब्दिक अनुवाद हैं| यह मेरे दिवंगत पिता को मेरी दूसरी श्रद्धांजलि है!




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